Muqammal – complete taqseem – distributed rashq e mAh – of whom moon is jealous hashr – doomsday jibah – slaughter takht – throne qalb – heart siyah – dark
कविता की तारीफ मैं क्या करूँ। मजा आ जाता है पढ़कर। बेहतरीन। मेरे भी शब्द कुछ पंक्तियाँ बन गयी आपकी कविता बढ़कर—-
आईने दिखाते जो सूरत सभी के
पीछे भी उसके एक दीवार देखे हैं,
खड्ग रक्तरंजित बहुत सबने देखे,
बिना खून कत्ल कर दे वह तलवार देखे हैं,
नफरत बहुत तेरी आँखों में बेशक,
मैंने मगर उसमें प्यार देखे हैं,
हाँ हमने भी एक यार देखे हैं।
“गोरी सूरत के कल्ब कभी बेहद स्याह देखे हैं”… क्या बात कह दी! वाह, वाह! ❤️
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शुक्रिया 😘😘😘
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🤗🤗❤️
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Kya baat hai 👏👏👏
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Thanks dear😘
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My pleasure
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The last two lines just touched my heart. Bravo.
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Thank you!
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umda 💞
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Shukriya 😊
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❤
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🤗❤️😘
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कविता की तारीफ मैं क्या करूँ। मजा आ जाता है पढ़कर। बेहतरीन। मेरे भी शब्द कुछ पंक्तियाँ बन गयी आपकी कविता बढ़कर—-
आईने दिखाते जो सूरत सभी के
पीछे भी उसके एक दीवार देखे हैं,
खड्ग रक्तरंजित बहुत सबने देखे,
बिना खून कत्ल कर दे वह तलवार देखे हैं,
नफरत बहुत तेरी आँखों में बेशक,
मैंने मगर उसमें प्यार देखे हैं,
हाँ हमने भी एक यार देखे हैं।
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Behad Shukriya Sir Ji😊
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Waah baaji. That couplet about murdering the dreams was just amazing.
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Shukriya dear😘
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Aap kaisi Hain?
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Alhamdullilah 😊
Main thik hu🤗
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स्वागत आपका।
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This is one so epic loved this.
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Thank you,Aquib😊
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